कल्पना कीजिए कि सेंट्रल विस्टा परियोजना सिर्फ एक नौकरशाह के हाथ में ना होती जिसे संपूर्ण निर्णय लेने का असीमित अधिकार होता, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से नागरिकों से यह पूछा जाता कि हम इसका कैसा रूप चाहते हैं?
पुराने संसद भवन की जगह पर नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का फिर से विकास किया जाना है। इसी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नाम दिया गया है।
पुराने संसद भवन की जगह पर नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का फिर से विकास किया जाना है। इसी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ना दिया गया है।