भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के प्रतिनिधि से नई दिल्ली में मुलाक़ात की है।
यह मुलाक़ात ऐसे समय हुई है जब चीन के साथ भारत का रिश्ता तनावपूर्ण चल रहा है, चीनी सैनिक भारतीय सरज़मीं पर जमे हुए हैं और कुछ दिन पहले ही भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें तनाव कम करने के मुद्दे पर सहमति बनी।
अमेरिका दलाई लामा को अलगाववादी और विभाजनकारी नेता मानता है, जबकि भारत उन्हें तिब्बतियों का धर्मगुरु मानता है।
निर्वासित तिब्बती सरकार!
ब्लिंकन ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सेंट्रल टिबेटन एडमिनिस्ट्रेशन यानी सीटीए) के प्रतिनिधि गोदप दोंगचुंग से मुलाक़ात की है। सीटीए के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि कर दी है।
बता दें कि सीटीए भारत में रहने वाले तिब्बतियों की देखरेख करता है, लेकिन उसे कुछ दिन पहले तक तिब्बती निर्वासित सरकार कहा जाता था। उसे यह दर्जा अब भी हासिल है, जिससे चीन परेशान रहता है।
इससे पहले नवंबर 2020 में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के तत्कालीन प्रमुख लोबसांग सांग्ये ने अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में चोटी के अमेरिकी अफ़सरों से मुलाक़ात की थी।
इसके पहले 2016 में दलाई लामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की थी।
चीन सरकार ने दिल्ली में दलाई लामा के प्रतिनिधि से अमेरिकी विदेश मंत्री की मुलाक़ात पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।
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