ईरान की मुद्रा पिछले 6 महीनों में चार गुना गिर चुकी है। बेरोज़गारी 2% बढ़ गई है। कच्चे तेल का निर्यात आधा रह गया है। ज़रूरी चीज़ों के दाम आसमान छू रहे हैं। यह असर है अमरीका की ओर से ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों का।
अमरीकी प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था चौपट, रियाल धराशायी
- दुनिया
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- 24 Dec, 2018
अमरीकी आथिक प्रतिबंधों की वजह से ईरान का निर्यात गिरा, मुद्रा बदहाल हो गई और बेरोज़गारी बेतहाशा बढ़ी है। कुल मिलाकर ईरानी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।

अमरीका ने प्रतिबंधों की घोषणा मई में की थी। तब ईरान की मुद्रा रियाल मज़बूत थी। एक डॉलर में 30 हज़ार रियाल आते थे। ये प्रतिबंध 4 नवंबर से लागू हुए। तब एक डॉलर में 90 हज़ार रियाल आ रहे थे। लेकिन उसके बाद रियाल का अवमूल्यन और तेज़ी से हुआ। पिछले सप्ताह यह 1.20 लाख प्रति डॉलर तक गिर गया।
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, बेरोज़गारी की दर पिछले साल 9 प्रतिशत थी लेकिन प्रतिबंधों की घोषणा होने के बाद बढ़कर 11 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह कच्चे तेल का निर्यात 38 लाख बैरल प्रतिदिन से गिर कर 20 लाख बैरल प्रति बैरल रह गया है। चूँकि ईरान की लगभग 70 फीसदी आय कच्चे तेल से आती है, देश की अर्थव्यवस्था ख़तरे में है।