अमेरिकी जनता अपने 47 वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नवम्बर के प्रथम सप्ताह में मतदान करेगी. अब तक के चुनाव- प्रचार से उभरते संकेतों से भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति और डेमोक्रैट प्रत्याशी कमला हैरिस के इतिहास निर्माता के रूप में उभरने के आसार दिखाई दे रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व उप राष्ट्रपति डिक चेनी ने भी घोषणा की है कि वे कमला हैरिस को अपना वोट देंगे. वे अपनी पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प को वोट नहीं देंगे. निश्चित ही इसका प्रभाव मतदाताओं पर पड़ेगा. वैसे भी रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं और युवा समर्थकों में हैरिस के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है. ट्रम्प की जीत का मार्ग अब आसान नहीं रहा है. वे जीत के लिए चरम दक्षिणपंथी और श्वेत वर्चस्ववादियों को सक्रिय करने की कोशिश करेंगे. याद रहे, 2020 में जब ट्रम्प राष्ट्रपति का चुनाव डेमोक्रैट प्रत्याशी जो बाइडन से हार गए थे, तब उन्होनें अपने समर्थकों को वाशिंगटन में कैपिटल स्थित अमेरिकी संसद पर हमला करने के लिए उकसाया था. अदालत तक यह केस पहुंच चुका है. कई आरोपों के कटघरे में खड़े हैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प. यह एक पहलू है चुनाव का।
चुनाव से क्या अमेरिकी राज्य का मूल चरित्र बदलेगा, कितना आगे हैं हैरिस?
- दुनिया
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- 8 Sep, 2024

जाने माने पत्रकार रामशरण जोशी इस समय अमेरिका में हैं और वे वहां राष्ट्रपति चुनाव अभियान को बहुत गहराई से देख रहे हैं। उन्होंने सत्य हिन्दी के लिए वहां के चुनाव पर लिखा है। उनके मुताबिक अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो उसकी गूंज अमेरिका के बाहर भी पूरी शिद्दत के साथ सुनायी देगी। खासकर भाजपा-आरएसएस के मुंह पर तमाचा होगा, जो सोनिया गांधी की विदेशी नागरिकता का हवाला देकर भारत में शोर मचाकर अपने फर्जी राष्ट्रवाद का प्रदर्शन करते रहे हैं। हालांकि कनाडा, ब्रिटेन में तमाम भारतीय मूल के लोग ऊंचे राजनीतिक पदों पर बैठ चुके हैं।