अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को घोषणा की कि वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने उत्तराधिकारी के रूप में उपराष्ट्रपति और भारतीय-अमेरिकी नेता कमला हैरिस का समर्थन करेंगे। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर से बाइडेन पर जबरदस्त दबाव था। लेकिन यह घटनाक्रम ट्रम्प को भी परेशान करेगा। वो अब अपने अभियान को फिर से व्यवस्थित करने के लिए मजबूर हैं। अभी तक उनका पूरा अभियान पूरी तरह से उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन पर केंद्रित था। हालांकि अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में ट्रम्प की टीम ने कहा है कि कमला हैरिस के आने पर डेमोक्रेट्स की स्थिति और भी खराब होने वाली है।
यह मुमकिन है कि अधिकांश डेमोक्रेट राष्ट्रपति की सिफारिश का अनुसरण करेंगे और डेमोक्रेटिक सम्मेलन के एक महीने से भी कम समय में चल रही अनिश्चितता से बचने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को मौका दे देंगे। ऐसा करने के व्यावहारिक और राजनीतिक कारण हैं। वह उत्तराधिकार की संवैधानिक लाइन में पहले स्थान पर तो हैं ही। राष्ट्रपति पद के टिकट पर पहली अश्वेत महिला को नजरन्दाज करना पार्टी के लिए बेहतर नहीं होगा। चुनाव अभियान द्वारा अब तक जुटाई गई लगभग 100 मिलियन डॉलर के फंड तक कमला की तुरंत पहुंच हो जाएगी।
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कमला हैरिस को लेकर जोखिम भी हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कमला की अनुमोदन रेटिंग उनके जितनी ही कम है। और डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई में, उनका प्रदर्शन लगभग बाइडेन के बराबर ही है।
दूसरा यह कि उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस का समय मुश्किल भरा रहा है। शुरुआत में, उन्हें अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर इमीग्रेशन संकट के मूल कारणों से निपटने का काम दिया गया था। यह एक कठिन चुनौती थी। कई गलत कदमों और गलत बयानों से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। लेकिन वह गर्भपात अधिकारों पर वो बाइडेन प्रशासन की प्वाइंट पर्सन भी रही हैं, इस मुद्दे को उन्होंने अधिक प्रभावी ढंग से संभाला था। लेकिन वो सब कहानी पुरानी हो चुकी है।
कमला हैरिस को चुनना डेमोक्रेट्स के लिए जोखिम है, लेकिन इस समय और कोई सुरक्षित विकल्प भी नहीं हैं। और डेमोक्रेट्स का हर दांव ट्रम्प की जीत को पुख्ता करता जाएगा।
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बाइडेन के हटने से ट्रम्प के लिए भी लड़ाई इतनी आसान नहीं रह गई है।
महीनों से ट्रम्प और उनके सहयोगी इस मुद्दे पर खेल रहे थे कि 81 वर्षीय बाइडेन अब राष्ट्रपति दफ्तर के लिए फिट नहीं हैं, वो बोलने में हकलाते हैं, शब्दों के चयन में गलतियां करते हैं और रेड कार्पेट पर अपने लड़खड़ाने के वीडियो क्लिप खुशी-खुशी साझा कर रहे हैं।
कंजर्वेटिव एथिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी सेंटर थिंक टैंक के एक वरिष्ठ साथी हेनरी ऑलसेन ने एएफपी को बताया, "बाइडेन का हटना ट्रम्प के लिए बुरी खबर है।" उन्होंने कहा- "मतदान के इतिहास में राष्ट्रपति पद के इस चरण में बाइडेन के पास किसी भी प्रथम-कार्यकाल के राष्ट्रपति की तुलना में सबसे कम नौकरियां लोगों को मिलीं। उनकी उम्र का बोझ भी उन पर है। ट्रम्प के लिए किसी भी संभावित प्रतिद्वंद्वी की तुलना में उनके खिलाफ चुनाव लड़ना कहीं आसान था।"
ट्रम्प के समर्थक और अभियान टीम के लोग बाइडेन के हटने को बहुत तरजीह नहीं दे रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे वे परेशान मुद्रा में आ गए हैं। अब पूरी ट्रम्प टीम,अनुभवी डेमोक्रेट उत्तराधिकारी कमला हैरिस पर बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। 82 साल के होने जा रहे ट्रम्प के मुकाबले कमला हैरिस युवा हैं। अमेरिका युवा कई सर्वे में कह चुके हैं कि अमेरिका को युवा राष्ट्रपति चाहिए। बहरहाल, कमला हैरिस को अगर डेमोक्रेट्स राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाते हैं तो ट्रम्प के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने जा रहा है।
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