#BREAKING #USA #Ukraine #NATO U.S. President Donald Trump has explicitly ruled out Ukraine’s accession to NATO.
— The National Independent (@NationalIndNews) February 26, 2025
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राजनीतिक दबाव और जबरदस्ती: राष्ट्रपति ट्रम्प की खुली धमकी कि अगर राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो यूक्रेन को समस्याएं होंगी, न केवल रणनीतिक साझेदारी की भावना के विपरीत है, बल्कि पहले से ही कमजोर अंतरराष्ट्रीय कानून को भी कमजोर करती है।
अनुदान को लोन में बदलना: राष्ट्रपति ट्रम्प की मांग कि समझौते से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल पिछले तीन वर्षों में यूक्रेन को दी गई अमेरिकी सहायता की क्षतिपूर्ति के लिए किया जाए, निराधार बात है। इसी तर्क के अनुसार, यूक्रेन भी तो अपने साझेदारों से 1992 की यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बलों की संधि (5,300टैंक, 2,400 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन और 477 लड़ाकू विमान) या 2005 केयूक्रेन-नाटो समझौते (15,000 टन गोला-बारूद, 400,000 छोटे हथियार और 1,000 मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस मिसाइल) के तहत नष्ट किए गए हथियारों की भरपाई के लिए कह सकता है।
इसके अलावा, निजी कंपनियों ने यूक्रेन के खनिजों का दोहन किया तो भी अमेरिकी बजट में करदाताओं का पैसा वापस नहीं आएगा। यूक्रेन-अमेरिका समझौता ग्रांट को बाद में लोन में बदलने का एक खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है, भले ही यूरोपीय संघ ने 24 फरवरी को कहा था कि वह दी गई मदद के बदले यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों की मांग नहीं करेगा। हालांकि, उसने यूक्रेन को अपना एक लचीला महत्वपूर्ण खनिज समझौता सुझाया है।
समझौते का मूल्यः असंगत आंकड़े
राष्ट्रपति ट्रम्प वास्तव में यूक्रेन को दी गई सहायता ($175 बिलियन) की तुलना में बहुत अधिक राशि ($500 बिलियन) की वापसी की मांग कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पैसे का केवल एक हिस्सा खर्च किया गया है और यूक्रेन को दिया गया है। मुख्य रूप से मानवीय और आर्थिक सहायता जो लगभग $43 बिलियन है। वो तो अमेरिकी सैन्य उत्पादन में ही निवेश किया जाता है।इस राशि का आधा हिस्सा अमेरिकी कंपनियों को मौजूदा स्टॉक से यूक्रेन को भेजे गए हथियारों की भरपाई के लिए जाता है (लगभग $34 बिलियन)। दूसरा आधा हिस्सा अमेरिकी कंपनियों को यूक्रेन के लिए हथियार बनाने के लिए जाता है (लगभग $33 बिलियन)। नौकरशाही की बाधाओं और लंबे समय के कारण, यूक्रेन ने अब तक इस कार्यक्रम के तहत हथियारों का केवल एक छोटा हिस्सा प्राप्त किया है। कुल मिलाकर यूएस का "यूक्रेन फंड्स" का एक बड़ा हिस्सा (लगभग $60 बिलियन) यूक्रेन के लिए नहीं, बल्कि अमेरिकी सैन्य क्षमताओं और यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को मजबूत करने, यूरोप और एशिया को सहायता और अन्य मदों के लिए है।
यूक्रेन का उपनिवेशीकरण
समझौते के प्रति नजरिया यूक्रेन और यूएस में अलग-अलग है, जहां यूक्रेन महत्वपूर्ण खनिजों के बदले सुरक्षा गारंटी चाहता है। जबकि दूसरा यानी यूएस समझौते को विशुद्ध रूप से आर्थिक नजरिये से देखता है। समझौते के तहत, यूक्रेन प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से होने वाले मुनाफे का 50% एक निवेश फंड को देगा, जिस पर अमेरिका का महत्वपूर्ण, लेकिन 100% नहीं, नियंत्रण होगा।तमाम लोग इसे यूएस द्वारा "यूक्रेन का आर्थिक उपनिवेशीकरण" बता रहे हैं। यूक्रेन में यह समझ है कि ज़ेलेंस्की के पास अमेरिकी दबाव का सामना करते हुए कुछ ही विकल्प हैं। लेकिन खराब समझौते पर हस्ताक्षर करके यूक्रेनी राष्ट्रपति को हाल के हफ्तों में राष्ट्रपति ट्रम्प की आलोचनाओं के बाद वापस लौटे जनसमर्थन के एक हिस्से को खोने का जोखिम है।
- विशेषज्ञों की मुख्य चिंता राजनीतिक और नैतिक है। युद्धग्रस्त यूक्रेन को अब यूएस की सुरक्षा गारंटी नहीं मिल सकती है। अलबत्ता अनुचित समझौते की वजह से यूक्रेन एक आर्थिक उपनिवेश बन सकता है।
कौन कौन से मिनरल यूक्रेन में हैं
- ग्रेफाइटः दुनिया में ग्रेफाइट का 6% हिस्सा यूक्रेन में है। लिथियम आयन बैटरियों के अलावा ग्रेफाइट का इस्तेमाल परमाणु रिएक्टरों से लेकर पेंसिलों तक में इस्तेमाल किया जाता है।
- लिथियमः यूक्रेन में दुनिया का लिथियम भंडार 2% है। यानी 500,000 मीट्रिक टन लिथियम यूक्रेन में है। इसका इस्तेमाल बैटरी, सिरेमिक और ग्लास के लिए महत्वपूर्ण है।
- टाइटेनियमः दुनिया का 1% टाइटेनियम भंडार यूक्रेन में है। यह यूरोप का सबसे बड़ा टाइटेनियम भंडार है। यह 25 वर्षों तक अमेरिका और यूरोपीय संघ की टाइटेनियम मांग को पूरा कर सकता है।
- यूरेनियमः दुनिया में यूरेनियम का करीब 2-4% हिस्सा यूक्रेन में है। यूरेनियम परमाणु ऊर्जा जनरेटर में इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख सामग्री है। रूस और चीन अभी दुनिया की 55% यूरेनियम संवर्धन क्षमता की आपूर्ति करते हैं। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने यूरेनियम संवर्धन बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस से ईंधन की आपूर्ति में विविधता ला दी या उसे रद्द कर दिया।
- कुछ और दुर्लभ खनिजः यूक्रेन की मिट्टी दुर्लभ है। लैंटानम और सेरियम यहां की मिट्टी में हैं। इन खनिजों का इस्तेमाल टीवी और रोशनी में किया जाता है। इसमें नियोडिमियम भी पाया जाता है। इसका इस्तेमाल एयर टर्बाइन और ईवी बैटरी में किया जाता है। एर्बियम और यट्रियम का इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा से लेकर लेजर तक में किया जाता है।
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