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ट्रंप पर हमला क्या राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करेगा, क्या उनकी जीत तय है?

ट्रम्प पर जानलेवा हमले के फौरन बाद अमेरिका में अचानक बहुत कुछ बदल गया। आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें जीता हुआ बता दिया गया। राजनीतिक विश्लेषक अमेरिकी चैनलों पर ट्रम्प के लिए सहानुभूति की लहर चलने की घोषणा करने लगे। लहूलुहान ट्रम्प की तस्वीरें उनके बेटे एरिक ट्रम्प ने चंद मिनट में सोशल मीडिया पर इस कैप्शन के साथ पोस्ट कीं: "यह वह फाइटर है जिसकी अमेरिका को जरूरत है।" 

इस घटना के फौरन बाद बाइडेन के चुनाव अभियान टीम ने उन सभी राजनीतिक बयानों को रोक दिया है जो ट्रम्प के ऊपर दिए गए थे। बाइडेन की टीम जितनी जल्दी हो सके अपने टेलीविजन विज्ञापनों को हटाने के लिए काम कर रहे हैं। उनकी टीम स्पष्ट रूप से मानती है कि इस समय डोनाल्ड ट्रम्प पर हमला करना अनुचित होगा और इसके बजाय जो हुआ उसकी निंदा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

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इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट प्रोफेसर मुक्तदर खान ने यूट्यूब पर अपने चैनल पर इस घटना का विश्लेषण किया है। जिसमें वो कह रहे हैं कि ट्रंप की जीत अब निश्चित लग रही है। उन्होंने आशंका जताई की ट्रम्प के समर्थक इस पर अपना गुस्सा जताएंगे और वो प्रतिक्रिया किसी भी स्तर तक जा सकती है। मुझे उम्मीद है कि कुछ अमेरिकी नेता आगे आएंगे और वे इस गुस्से को हिंसा में नहीं बदलने देंगे।
मुक्तदर खान ने कहा कि इस घटना से चुनावी ध्रुवीकरण होगा और ट्रम्प के पक्ष में सहानुभूति लहर चलेगी। बाइडेन ने डिबेट में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया, वो एक तरह का सेल्फ गोल था। बाइडेन उसके बाद ये बताने में जुट गए कि वो अभी बूढ़े नहीं हुए हैं और दिल-दिमाग ठीक काम कर रहा है। उनकी सारी कोशिशें बेकार रहीं। बाइडेन पर अब चुनाव से बाहर जाने का दबाव पड़ रहा है। इस घटना से पहले जो लोग सार्वजनिक रूप से ट्रम्प का समर्थन नहीं कर रहे थे, वे भी इस घटना के बाद ट्रम्प के समर्थन में आ जाएंगे। टेस्ला के मालिक एलोन मस्क ने ट्रम्प के चुनाव में तो आर्थिक मदद की भी घोषणा की है। लिबरल और डेमोक्रेट्स अब बचाव की मुद्रा में आ जाएंगे। 
मुक्तदर खान ने कहा ट्रम्प के लिए यह दोहरी जीत की तरह है। एक तो वो इस हमले में बच गए और दूसरा इससे चुनाव में उनके जीत का रास्ता साफ हो गया है। क्योंकि अमेरिका में इस तरह की हिंसा पसंद नहीं की जाती है। ट्रम्प को पैसे भी बहुत मिलेंगे। बाइडेन के लिए यह घटना नुकसानदेह है। वो चुनाव तो हारेंगे ही और डेमोक्रेट्स को भी ले डूबेंगे। उन्हें चाहिए कि वो चुनाव मैदान से हट जाएं।
प्रोफेसर खान के अलावा अन्य अमेरिकी विशेषज्ञ भी हवा का रुख बाइडेन के खिलाफ बता रहे हैं। इनका कहना है कि बाइडेन अधिकांश राज्यों के चुनावों में ट्रम्प से पीछे चल रहे हैं। इस घटना के बाद बाइडेन अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी पर हमले भी ठीक से नहीं कर पाएंगे। बाइडेन की चुनाव अभियान टीम अब नई रणनीति बनाने और उस पर चलने पर विचार कर रही है लेकिन उस रणनीति का कोई खुलासा अभी नहीं हुआ है।
ट्रम्प के सहयोगी बाइडेन पर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। ट्रम्प के सहयोगियों ने पेंसिल्वेनिया हमले के लिए अमेरिकी "वामपंथियों", मीडिया, डेमोक्रेटिक पार्टी और यहां तक ​​​​कि खुद बाइडेन को दोषी ठहरा रहे हैं। कई लोगों ने मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा सप्ताह की शुरुआत में दानदाताओं के साथ एक कॉल पर की गई टिप्पणियों की ओर इशारा किया, जब बाइडेन ने कथित तौर पर कहा: "हमने बहस के बारे में बात कर ली है, अब ट्रम्प को निशाने पर लेने का समय आ गया है।" ये लोग बाइडेन की इस टिप्पणी को हमले से जोड़ रहे हैं।
बायोटेक निवेशक और ट्रंप के शीर्ष सहयोगी विवेक रामास्वामी ने कहा- “पहले उन्होंने उन पर मुकदमा दायर किया। फिर उन्होंने उन्हें मतपत्र से हटाने की कोशिश की। अभी जो हुआ उससे अधिक दुखद बात यह है कि अगर हम ईमानदार हों, तो यह कहना चाहिए कि यह तो होना ही था।''  ओहियो से रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली ने बाइडेन से "तत्काल आदेश देने का आह्वान किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ सभी संघीय आपराधिक आरोप हटा दिए जाएं।"
ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे रॉबर्ट ओ'ब्रायन के साथ एक संयुक्त बयान में ली ने कहा, "इस तरह के कदम से घावों को भरने में मदद मिलेगी और सभी अमेरिकियों को गहरी सांस लेने और हम यहां तक ​​कैसे पहुंचे, इस पर विचार करने का मौका मिलेगा।"

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नॉर्थ डकोटा के गवर्नर डौग बर्गम, जिन्हें संभावित उप-राष्ट्रपति पद के लिए भी देखा जा रहा है, ने समर्थकों से ट्रम्प और रैली में भाग लेने वाले लोगों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा: "हम सभी जानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प अपने दुश्मनों से अधिक मजबूत हैं . आज उन्होंने यह दिखा भी दिया।”

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क़मर वहीद नक़वी
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