अमेरिका के टेक्सास में हुए एक दिल दहला देने वाले हादसे में एक शख्स ने 21 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। मरने वालों में 19 बच्चे भी शामिल हैं। कई बच्चे घायल भी हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। अमेरिका में इन दिनों एक बार फिर इस तरह की वारदात बढ़ने लगी हैं।
यह घटना टेक्सास के उवाल्डे में रॉब एलिमेंट्री स्कूल में मंगलवार दोपहर को हुई। टेक्सास के गवर्नर ग्रेट ने कहा कि हमलावर की उम्र 18 साल थी और उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले अपनी दादी को भी गोली मार दी।
वारदात के बाद बच्चे बुरी तरह डर गए और इधर-उधर भागने लगे। घटना के बाद इस इलाके में स्थित तमाम स्कूलों को भी बंद कर दिया गया। इससे पहले ऐसा ही खतरनाक वाकया साल 2012 में हुआ था जब 20 बच्चों और स्टाफ के 6 लोगों की हत्या कर दी गई थी। अमेरिका की सरकार ने इस हादसे पर दुख जताया है।
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि अब बहुत हो चुका है और हमें सख्त से सख्त कदम उठाने होंगे।
Eva Mireles, a 4th grade teacher at Robb Elementary School in #Uvalde, Texas, is one of the 21 victims who were killed pic.twitter.com/qYGOh9xtW2
— philip lewis (@Phil_Lewis_) May 25, 2022
‘गन लॉबी के खिलाफ खड़े हों’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना के बाद देश के लोगों से गन लॉबी के खिलाफ खड़े होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब वक्त कदम उठाने का है। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी और जवान बेटी को साल 1972 में एक कार दुर्घटना में खो दिया था और साल 2015 में कैंसर के कारण उनका जवान बेटा उनसे बिछड़ गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि किसी बच्चे का जाना इस तरह है जैसे आपकी आत्मा से एक टुकड़ा काट कर निकाल लिया गया हो।मास फायरिंग की घटनाएं
अमेरिका में फायरिंग की छोटी-मोटी घटनाओं के साथ ही मास फायरिंग यानी बड़े स्तर पर फायरिंग होने की घटनाएं भी बीते सालों में हो चुकी हैं। 14 मई को 18 साल के एक हमलावर ने न्यूयॉर्क में 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसी दिन कैलिफोर्निया के एक चर्च में भी फायरिंग की घटना हुई थी।
टेक्सास में ही अप्रैल 2021 में बीच सड़क पर गोलीबारी की घटना हुई थी, इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मार्च 2021 में कोलोराडो में 21 साल के बंदूकधारी ने सुपर मार्केट में गोलियां चलाई थी और 10 लोगों की हत्या कर दी थी। इस तरह की घटनाएं जॉर्जिया और दूसरे इलाकों में भी हुई हैं।
अगस्त 2012 में विस्कांसिन के एक गुरुद्वारे में प्रार्थना सभा में घुसकर एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। गोली चलाने की इस तरह की कई घटनाएं नस्लीय हिंसा से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।
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