loader

श्रीलंका में आपातकाल के साथ-साथ 36 घंटे का कर्फ्यू

लगातार खराब होते हालात के बीच श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। प्रदर्शनों को रोकने के लिए 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है। शनिवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू की घोषणा की गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लगाने की घोषणा की है। गुरुवार शाम को बड़ी संख्या में लोगों ने राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन किया था और राष्ट्रपति के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की थी। तब उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी और इसमें कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सड़क पर उतरे लोगों की मांग थी कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को हटा दिया जाना चाहिए। 

इसके बाद कोलंबो के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था और माना जा रहा था कि वहां की हुकूमत कोई बड़ा कदम उठा सकती है। इस बीच 40,000 टन डीजल लेकर एक जहाज श्रीलंका पहुंच गया है। इसे जल्द से जल्द लोगों के बीच बांटा जाएगा। 

श्रीलंका के संविधान के आर्टिकल 155 के मुताबिक, राष्ट्रपति अपने विवेक से आपातकाल का एलान कर सकते हैं और इसे अदालत में भी चुनौती नहीं दी जा सकती। 

ताज़ा ख़बरें

राष्ट्रपति द्वारा इस तरह की घोषणा 1 महीने के लिए वैध होती है और संसद को इसे 14 दिन के भीतर मंजूरी देनी होती है। अगर यह मंजूरी नहीं मिलती है तो यह घोषणा समाप्त हो जाती है।

श्रीलंका में हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों को पेट्रोल और डीजल तक मिलना मुश्किल हो गया है। बिजली का उत्पादन नहीं होने से हर दिन 10 घंटे का पावरकट लग रहा है। स्कूलों में परीक्षाएं ठप हैं और जरूरी दवाएं भी लोगों को नहीं मिल पा रही हैं। 

Sri Lanka Economic Crisis Declares State Of Emergency  - Satya Hindi

कई इलाक़ों में प्रदर्शन 

कोलंबो के अलावा गाले, मतारा और मोरातुवा शहरों में भी सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए हैं और इन जगहों पर लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया। हालात को देखते हुए मुल्क में पुलिस और सेना को अलर्ट पर रखा गया है।

अशांति के लिए आतंकवादी जिम्मेदार 

श्रीलंका की हुकूमत के दो मंत्रियों ने कहा है कि गुरुवार रात को हुए प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति राजपक्षे और उनकी पत्नी की जान को खतरा पैदा हो गया था। इन मंत्रियों का कहना है कि जब लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे उस वक्त राष्ट्रपति और उनकी पत्नी अपने घर पर ही थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इन इन प्रदर्शनों के हिंसक होने का अंदाजा नहीं था और यह सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है। परिवहन मंत्री दिलुम अमुनुगामा ने कहा कि देश के भीतर हो रही अशांति के लिए आतंकवादी जिम्मेदार हैं।

राजपक्षे का परिवारवाद 

राष्ट्रपति राजपक्षे परिवारवाद को लेकर भी आलोचकों के निशाने पर हैं। उनके भाई महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं जबकि छोटे भाई बासिल राजपक्षे वित्त मंत्री हैं। राजपक्षे के बड़े भाई और भतीजे राजपक्षे की कैबिनेट में हैं। 

Sri Lanka Economic Crisis Declares State Of Emergency  - Satya Hindi

बीते कुछ दिनों में कई लोग श्रीलंका से भागकर भारतीय राज्य तमिलनाडु में आ चुके हैं। इस मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं।

श्रीलंका की हुकूमत ने मार्च 2020 में विदेशी पैसे को बचाने के लिए आयात पर बैन लगा दिया था। लेकिन इस वजह से जरूरी सामानों की जबरदस्त किल्लत हो गई और कीमतें भी बेतहाशा बढ़ गई। 1948 में आजाद हुआ यह मुल्क अपनी आजादी के बाद सबसे ख़राब दौर को देख रहा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें