भारत के चीन से चल रहे विवाद के बीच पहली बार रूस ने ऐसी टिप्पणी की है, जिसने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुराने और आज़माए हुए मित्र रूस के साथ भी भारत के संबंध ख़राब हो रहे हैं? क्या दोनों के बीच दूरियाँ इतनी बढ़ गई हैं कि रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव को सार्वजनिक रूप से इस बारे में टिप्पणी करनी पड़ी और अगर ऐसा है तो इसकी वज़हें क्या हैं?
क्या भारत-रूस दोस्ती पर ख़तरा मँडरा रहा है?
- दुनिया
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- 10 Dec, 2020

यह तो स्पष्ट दिख रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े देशों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बढ़ती जा रही है। अमेरिका इस सचाई को देख रहा है कि उसका रुतबा दुनिया में घट रहा है और चीन सबसे बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित होता जा रहा है। ट्रम्प की नीतियों की वज़ह से यह प्रक्रिया और तेज़ हुई है। इसका नतीजा यह निकला है कि पाँच-सात साल पहले तक जो दुनिया एकध्रुवीय दिखती थी अब वह बहुध्रुवीय दिखने लगी है।
रूस ने पहली बार भारत और चीन के झगड़े पर इस तरह की टिप्पणी की है और यह बताती है कि मास्को की नीतियों में बदलाव आ रहा है। अभी तक तटस्थ था, उसने न तो भारत का पक्ष लिया और न ही चीन का। उसकी कोशिश यही रही कि दोनों के बीच मतभेद ख़त्म हों। इसमें मदद के उद्देश्य से वह बीच-बचाव भी करता रहा है, मगर परदे के पीछे से।