भारत के चीन से चल रहे विवाद के बीच पहली बार रूस ने ऐसी टिप्पणी की है, जिसने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुराने और आज़माए हुए मित्र रूस के साथ भी भारत के संबंध ख़राब हो रहे हैं? क्या दोनों के बीच दूरियाँ इतनी बढ़ गई हैं कि रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव को सार्वजनिक रूप से इस बारे में टिप्पणी करनी पड़ी और अगर ऐसा है तो इसकी वज़हें क्या हैं?