विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बहुत तेज़ी से फैल रहा है और इस बात की संभावना है कि यह दुनिया के अधिकतर देशों में हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा है कि इससे पहले किसी भी वैरिएंट को इस रफ़्तार से फैलते हुए नहीं देखा गया है।
डब्ल्यूएचओ का यह कहना सही भी है क्योंकि 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पहला मामला मिलने के कुछ ही दिनों में यह वायरस बहुत तेज़ी से कई देशों तक पहुंच गया। बावजूद इसके कि इन देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों को रोक दिया था।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब तक ओमिक्रॉन 77 देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के सभी देशों से अपील की है कि वे इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए क़दम उठाएं। इस संगठन ने चेताया है कि केवल वैक्सीन के जरिये इस मुसीबत से नहीं लड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ इस बात को लेकर चिंतित है कि लोग ओमिक्रॉन को यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि इसके लक्षण बेहद हल्के हैं और ऐसा करके हम इसे कम करके आंक रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले भी कहा था कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन का असर कम है और यह तेज़ी से फैलता है।
मास्क ज़रूर पहनें
भारत में भी ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 60 को पार कर चुकी है और यह कई राज्यों तक पहुंच गया है। ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच मास्क का इस्तेमाल कम किए जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेताया है। नीति आयोग कह चुका है कि मास्क के घटते इस्तेमाल के कारण भारत ख़तरनाक क्षेत्र बन गया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चेताया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा है कि ओमिक्रॉन की 'तूफ़ानी लहर' आ रही है।
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