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ओडिशा की घटना पर देश में गुस्से की लहरः राहुल गांधी, पूर्व सैन्य अफसर बेहद नाराज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह और कई अन्य लोगों ने ओडिशा के भुवनेश्वर में एक पुलिस स्टेशन के अंदर एक भारतीय सेना अधिकारी की कथित यातना और उसकी मंगेतर के "यौन उत्पीड़न" पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस जोड़े के साथ पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार को लेकर ओडिशा सरकार और पुलिस को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

विपक्षी नेताओं और सेना के कई दिग्गजों ने इस घटना पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना की, जबकि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। राहुल गांधी ने कहा कि यह "जघन्य घटना" मानवता के लिए शर्म की बात है, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पुलिस स्टेशन में जो हुआ उससे पूरा देश "स्तब्ध" है।

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अयोध्या के बाद ओडिशा कांडः प्रियंकाकांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या की घटना याद दिलाते हुए इस पर तीखा बयान दिया। प्रियंका ने एक्स पर लिखा हैः 
ओडिशा में पुलिस से मदद मांगने गए सेना के ऑफिसर की मंगेतर के साथ पुलिस ने जिस तरह बर्बरता और यौन हिंसा की, उससे पूरा देश स्तब्ध है। अयोध्या में गैंगरेप पीड़ित दलित लड़की के साथ पुलिस ने अन्यायपूर्ण बर्ताव किया और न्याय दिलाने की जगह उस पर ही दबाव बनाया, क्योंकि खबरों के अनुसार आरोपी भाजपा से जुड़े हैं। देश भर में भाजपा की सरकारें पुलिस को रक्षक से भक्षक बना देने की नीति पर काम कर रही हैं। भाजपा सरकारों में महिला अपराधों के प्रति पुलिस का आपराधिक रवैया दरअसल सत्ताधारियों का संरक्षण पाकर फलता-फूलता है। ऐसे हालात में देश की महिलाएं सुरक्षा और न्याय के लिए क्या करें, कहां जाएं?

नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "ओडिशा में हुई भयावह घटना ने देश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं...भाजपा सरकार के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध पूरी तरह से अनियंत्रित और बेलगाम हो गए हैं।" राहुल गांधी ने लिखा है- ओडिशा में घटित भयंकर घटना ने देश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस से मदद मांगने गए एक सेना अधिकारी को बेरहमी से पीटा गया और उनकी मंगेतर को कस्टडी में उत्पीड़ित किया गया। यह घृणित घटना पूरी मानवता को शर्मसार करने वाली है। भाजपा सरकार में महिलाओं के विरुद्ध अपराध पूरी तरह से बेकाबू और निरंकुश हो चुका है। जब सरकारी तंत्र के ही भीतर अन्याय पनपता और शरण पाता है तो आम नागरिक सहायता की आस किससे लगाए? इस घटना के सभी दोषी सख्त से सख्त कानूनी सजा के पात्र हैं - उनके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई कर आज भारत की जनता, खास कर महिलाओं के समक्ष न्याय और सुरक्षा की मिसाल पेश करने की दरकार है।

पूर्व थल सेनाध्यक्ष और भाजपा के पूर्व सांसद वीके सिंह ने इसे "शर्मनाक और भयावह" बताया। वीके सिंह ने कहा- ओडिशा के मुख्यमंत्री पुलिस कर्मियों और उन सभी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें जो “पुलिस वर्दी में अपराधियों” को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने सभी से प्रभावित महिला, सैन्य अधिकारी की मंगेतर और एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की बेटी की बात सुनने का भी आग्रह किया। वीके सिंह ने 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था।

कई अन्य रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में इस मुद्दे पर ओडिशा सरकार की आलोचना की। महिला के रिटायर्ड ब्रिगेडियर पिता ने कानून को अपने हाथ में लेने के लिए पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग की। 

पुलिस ने महिला को उल्टा फंसा दिया

ओडिशा पुलिस के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार की गई और गुरुवार को जमानत पर रिहा की गई महिला ने दावा किया कि हिरासत में लिए जाने के बाद उसका यौन उत्पीड़न किया गया। उसने कहा- “मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे (सेना अधिकारी को) हवालात में डाल दिया। जब मैंने आवाज उठाई कि वे सेना के एक अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है, तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट करना शुरू कर दिया।”

महिला ने कहा कि उसने जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की और जब एक महिला पुलिसकर्मी ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की तो उसने उसके हाथ पर काट लिया। उसने आरोप लगाया कि इसके बाद पुलिस कर्मियों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया और उसके हाथ-पैर बांध दिए। उसने बताया “इसके तुरंत बाद, एक पुरुष अधिकारी आया और मेरे स्तनों पर कई बार लात मारी। उसने मेरी पैंट नीचे कर दी और अपनी भी. महिला ने आरोप लगाया, उसने अपना प्राइवेट पार्ट दिखाते हुए मुझसे पूछा कि मैं कितने समय तक चुप रहना चाहती हूं।
 देश में घटना की चर्चा होने पर ओडिशा पुलिस अपराध शाखा ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक सहित पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो कथित तौर पर हमले में शामिल थे। बुधवार को घटना सार्वजनिक होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

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क़मर वहीद नक़वी
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