बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी किए जाने का एलान किया था। लगभग 52 फीसद की बढ़ोतरी किए जाने के बाद बांग्लादेश में लोग हुकूमत के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। बांग्लादेशी मीडिया ने बताया है कि तेल की कीमतों में की गई यह बढ़ोतरी मुल्क बनने के बाद से सबसे ज़्यादा है।
बताना होगा कि महंगे पेट्रोल-डीजल और बेतहाशा महंगाई की वजह से श्रीलंका में भी लोग सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने वहां की संसद, राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री के आवास पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी बीते शनिवार को कुछ ऐसा ही हुआ। लोगों ने कई पेट्रोल पंपों को घेर लिया और मांग की कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत वापस लिया जाए। ढाका सहित कई जगहों पर जोरदार प्रदर्शन हुए और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद कई पेट्रोल पंपों पर अच्छी-खासी भीड़ लग गई थी और लोग हालात बिगड़ने से पहले ही अपनी गाड़ी के पेट्रोल टैंक को फुल कराने के लिए पहुंच गए थे।
जेब पर होगा असर
बांग्लादेश के द्वारा तेल की कीमतें बढ़ाए जाने से देश के ऊपर जो सब्सिडी का बोझ था वह थोड़ा कम होगा लेकिन इससे महंगाई बढ़ने का भी खतरा रहेगा। बांग्लादेश में महंगाई 7 फीसद से ऊपर चल रही है और निश्चित रूप से तेल की कीमतें बढ़ने का असर आम लोगों की जेब पर होगा और वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है लेकिन ऊर्जा और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने इसके आयात बिल को बढ़ा दिया है। इस वजह से सरकार को वैश्विक एजेंसियों से लोन लेने को मजबूर होना पड़ा है।108 रुपये लीटर पेट्रोल
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद बांग्लादेश में अब पेट्रोल की कीमत 51.2 फीसद बढ़कर 130 टका यानी लगभग 108 रुपये लीटर हो गई है जबकि 95 ऑक्टेन गैसोलिन की कीमत 51.7 फीसद बढ़कर 135 टका यानी 113 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी के साथ डीजल और कैरोसिन की कीमतों में भी 42.5 फीसद का इजाफा हुआ है।
चिंताजनक बात यह है कि बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार भी घट रहा है। सरकार ने इसे रोकने के लिए कई उपाय किए हैं जिसके तहत लग्जरी सामानों और तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाना आदि शामिल है। बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं है और लोगों को धैर्य रखना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर वैश्विक बाजार में कीमतें गिर जाती हैं तो तेल की कीमतों को कम किया जाएगा।
पाकिस्तान में हालात खराब
एक और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की भी आर्थिक सेहत बेहद खराब है और वह आईएमएफ से लोन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा भी सऊदी अरब और यूएई से वित्तीय सहायता देने की अपील कर चुके हैं। पाकिस्तान में इमरान खान की हुकूमत जाने के बाद जब शाहबाज शरीफ ने हुकूमत संभाली तो पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी की गई। पाकिस्तान में लोग 227.19 रुपये पेट्रोल, 244.95 रुपये डीजल, 201.07 रुपये प्रति लीटर कैरोसिन खरीदने को मजबूर हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह स्माइल ने कुछ दिन पहले कहा था कि सरकार अगले 3 महीने तक आयात पर प्रतिबंध जारी रखेगी। उन्होंने चेताया था कि आने वाले दिन मुल्क के लिए बेहद खराब हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने इसके लिए पूर्ववर्ती इमरान खान की अगुवाई वाली पीटीआई की सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था।
देखना होगा कि बांग्लादेश में लोगों के लगातार सड़क पर उतरने के बाद क्या वहां की सरकार तेल की कीमतों को कम करेगी या नहीं। क्या वहां भी श्रीलंका जैसे खराब हालात बनेंगे?
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