ब्रिटेन के आम चुनावों में कीर स्टारमर की लेबर पार्टी की बड़ी जीत हुई है। हालाँकि, ऋषि सुनक ने अपनी सीट जीत ली है लेकिन आम चुनाव में लेबर पार्टी से हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने इस हार के लिए ज़िम्मेदारी ली है। पीएम सुनक ने कहा, 'लेबर पार्टी ने इस आम चुनाव में जीत हासिल की है, और मैंने कीर स्टारमर को उनकी जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया। आज सत्ता शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सभी पक्षों की सद्भावना के साथ बदलेगी।' लेबर पार्टी के कीर स्टारमर ने यूनाइटेड किंगडम के आम चुनाव में पार्टी की जीत के बाद एक जोरदार विजयी भाषण दिया। इसमें उन्होंने घोषणा की कि बदलाव शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि देश को '14 वर्षों के बाद अपना भविष्य वापस मिल गया है।' बता दें कि पिछले 14 साल तक कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार रही।
अब तक के चुनाव परिणाम से ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को गंभीर झटका लगा है। चुनावी सर्वेक्षणों में पहले ही इस तरह के नतीजे आने की संभावना जताई गई थी। एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी की ऐतिहासिक हार की भविष्यवाणी की गई थी।
अब जो परिणाम आ रहे हैं वे ब्रिटिश राजनीति में बड़े बदलाव को दिखा रहे हैं। शुक्रवार को ब्रिटेन के आम चुनाव के नतीजे आने के बाद कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली विपक्षी लेबर पार्टी बेहद मज़बूत स्थिति में दिखाई दे रही है। कुछ देर पहले भारतीय समय के अनुसार क़रीब पौने दस बजे तक कीर स्टारमर के नेतृत्व में लेबर पार्टी 350 से ज़्यादा सीटों पर जीतती दिख रही थी, जबकि टोरीज़ सिर्फ़ 75 सीटों पर। जीत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 326 सीटें जीतने की ज़रूरत है। इस तरह लेबर पार्टी बहुमत के आँकड़े को पार कर चुकी है।
एग़्जिट पोल में दिखाया गया कि लेबर 650 सीटों वाली संसद में 410 सीटें जीतेगी। उथल-पुथल और आर्थिक मंदी से जूझते हुए 14 साल तक सत्ता में रहने वाले कंजर्वेटिव (टोरीज़) को केवल 131 सीटें मिलने का अनुमान था, जो उनके इतिहास का सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन था।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए आखिरी समय में की गई कोशिशें नाकाम हो गईं।
मई में ऋषि सुनक ने अपनी ही पार्टी के कई लोगों को उस समय चौंका दिया था, जब उन्होंने चुनावों की घोषणा समय से पहले ही कर दी थी। तब भी जनमत सर्वेक्षणों में कंजरवेटिव पार्टी लेबर पार्टी से लगभग 20 अंकों से पीछे थी। उन्हें उम्मीद थी कि अंतर कम हो जाएगा, जैसा कि आमतौर पर ब्रिटिश चुनावों में देखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
कीर स्टारमर ने वित्तीय संकट के बाद 'एक दशक के राष्ट्रीय नवीनीकरण' का वादा किया है। लेकिन, उन्हें आगे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
अपनी राय बतायें