भारतीय-अमेरिकी अजय बंगा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्व बैंक का प्रमुख नामित किया है। यदि विश्व बैंक के निदेशक मंडल द्वारा पुष्टि की जाती है तो बंगा दुनिया के दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे।
अजय बंगा मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ हैं। वह इस कंपनी में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। अजय को बिजनस में 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डाउ इंक के बोर्ड में रह चुके हैं। अजय बंगा अभी प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के वाइस प्रेसिडेंट है।
अमेरिकी बैंकर डेविड मलपास विश्व बैंक समूह के पिछले अध्यक्ष थे, उन्होंने एक सप्ताह पहले ही पद छोड़ दिया था। उनका पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने से क़रीब एक साल पहले 30 जून को मलपास चले जाएँगे। उन्हें 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चुना गया था।
अब मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा को नामित किया है।
वैसे, बंगा के नाम की पुष्टि विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के वोट से ही होगी। सबसे बड़े शेयरधारक के रूप में यूएस का नामांकन ही आमतौर पर चुना जाता है। विश्व बैंक का अध्यक्ष इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) या विश्व बैंक और इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक मंडल का पदेन अध्यक्ष होता है।
जानिए कौन हैं अजय बंगा
अजय बंगा मास्टरकार्ड के शीर्ष पर 12 वर्षों तक रहने के बाद दिसंबर 2021 में सेवानिवृत्त हुए। प्रशासनिक अधिकारियों ने नोट किया कि उन्होंने 500 मिलियन बिना बैंक वाले लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल होने में मदद की, कोविड -19 महामारी के दौरान बैंक के 19,000 कर्मचारियों की छंटनी को टाल दिया, और जलवायु, लिंग और टिकाऊ कृषि पर काम का नेतृत्व किया। कुल मिलाकर, उनके पास मास्टरकार्ड और अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डॉव इंक के बोर्डों में विभिन्न भूमिकाओं को संभालने का 30 से अधिक वर्षों का व्यावसायिक अनुभव है। यूएस की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ पार्टनरशिप फॉर सेंट्रल अमेरिका के को-चेयर के रूप में काम कर चुके हैं।
बंगा का पालन-पोषण भारत में हुआ था। हैदराबाद पब्लिक स्कूल में पढ़ाई ख़त्म करने के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की, और बाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की।
1981 में नेस्ले के साथ अपने करियर की शुरुआत करते हुए, वह पेप्सिको और फिर सिटीग्रुप में शामिल हो गए। वह वित्तीय सेवा कंपनी मास्टरकार्ड के अध्यक्ष और सीईओ भी थे। 2016 में बंगा को भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
वैसे, अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की भूमिका बढ़ती जा रही है। अमेरिकी चुनाव में भी भारतीयों का कद बढ़ता दिख रहा है।
2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पहले भारतीय अमेरिकी निक्की हेली ने दावा पेश किया था और अब एक अन्य भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने भी उम्मीदवारी का दावा करने की घोषणा की है। इस राष्ट्रपति चुनाव में ये भारतीय मूल के दूसरे शख्स हैं जिन्होंने सर्वोच्च पद के लिए दावा किया है। लेकिन रोचक तथ्य यह है कि ये दोनों ही उस रिपब्लिकन पार्टी से हैं जो रूढ़ीवादी पार्टी है। रिपब्लिकन पार्टी में सामान्य तौर पर श्वेत लोगों का प्रभुत्व है व प्रवासी लोग अक्सर इनसे दूरी बनाए रखते हैं। इसके बावजूद दो भारतीय मूल के लोगों का दावा ठोकना, काफी अहम है।
अन्य देशों से आए प्रवासियों की तरह ही यहाँ भारतीय लोग भी मुख्यत: डेमोक्रेटिक विचारधारा के ही समर्थक हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार लगभग 65% अमेरिकी भारतीय या तो डेमोक्रेट हैं या डेमोक्रेटिक विचारधारा की ओर झुकाव रखते हैं। अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का भी भारत से जुड़ाव रहा है। वह संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला उप राष्ट्रपति हैं। वह जनवरी 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उपराष्ट्रपति बनीं, उन्होंने 2020 के चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस को हराया था।
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