हिजबुल्लाह के प्रमुख शहीद हसन नसरल्लाह का जनाजा अभी दफन भी नहीं हुआ कि एक और खबर ने लेबनान और ईरान को दहला दिया है। पश्चिमी मीडिया इसराइल के सूत्रों के हवाले से यह खबर तो बता रहा है कि हाशिम सैफीद्दीन को टारगेट करके हमला किया गया लेकिन उनके शहीद होने या जिन्दा होने की खबरें पश्चिमी मीडिया नहीं बता रहा है। उसके बाद वो यह बताने लगता है कि हाशिम सफीद्दीन कौन हैं। यह स्थिति तभी साफ होगी, जब नसरल्लाह को सुपुर्दे खाक किया जाएगा और उसमें हाशिम सफीद्दीन आते हैं या नहीं। अगर उन्हें उत्तराधिकारी बनाया जा रहा है तो उनकी और हिजबुल्लाह की कोशिश होगी कि उन्हें वहां लाया जाए। बहरहाल, अभी जो लोग हाशिम सफीद्दीन के बारे में नहीं जानते, उनके लिए यहां कुछ जानकारियां दी जा रही हैं।
हिजबुल्लाह को अपने 42 साल पुराने इतिहास में सबसे बड़ा झटका झेलने के बाद अब एक नया नेता चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सफ़ीद्दीन नसरल्लाह को यह कमान मिलने की संभावना जताई जा रही है। हाशिम उनके चचेरे भाई हैं और उनकी तरह एक शिया मौलवी भी हैं जो पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज अहले बैत से संबंध बताने वाली काली पगड़ी पहनते हैं।
कार्यकारी परिषद के प्रमुख के रूप में, हाशिम सफ़ीद्दीन हिजबुल्लाह के राजनीतिक मामलों का विभाग संभालते हैं। वह जिहाद परिषद में भी बैठते हैं, जो समूह के सैन्य अभियानों का प्रबंधन करता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2017 में हाशिम को जायोनिस्ट लॉबी के दबाव में आतंकवादी घोषित किया था। जून में एक हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या के बाद हाशिम ने इज़राइल को हमले की धमकी दी थी। उन्होंने अंतिम संस्कार में कहा था, "(दुश्मन को) रोने और विलाप करने के लिए खुद को तैयार करने दीजिए।"
सफ़ीद्दीन के सार्वजनिक बयान अक्सर हिजबुल्लाह के तीखे रुख और फ़िलिस्तीनी मुद्दे के साथ उनके जुड़ाव को दर्शाते हैं। बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्लाह के गढ़ दहियाह में एक हालिया कार्यक्रम में उन्होंने फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए घोषणा की, "हमारा इतिहास, हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं।"
हसन नसरल्लाह की जिन्दगी को हर समय खतरा रहता था तो उन्होंने अपने जीवनकाल में ही हाशिम सफीद्दीन को बढ़ावा देना शुरू कर दिया था, ताकि उन्हें उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सके। उन्होंने उन्हें बाहर जाने और बोलने के लिए कहा। हाशिम सफ़ीद्दीन के पारिवारिक संबंध और नसरल्लाह से समानता, साथ ही मोहम्मद के वंशज के रूप में उनकी धार्मिक स्थिति, सभी उनके पक्ष में गिने जाने वाले प्वाइंट हैं।
वह अमेरिकी नीति की आलोचना में भी मुखर रहे हैं। हिजबुल्लाह पर अमेरिकी दबाव के जवाब में, उन्होंने 2017 में कहा था, "ट्रम्प के नेतृत्व वाला यह मानसिक रूप से बाधित, पागल अमेरिकी प्रशासन प्रतिरोध को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।" उन्होंने कहा था कि इस तरह की कार्रवाइयां केवल हिजबुल्लाह के संकल्प को मजबूत करेंगी।
पश्चिमी मीडिया लेबनान के हिजबुल्लाह, फिलस्तीन के हमास, यमन के अंसराल्लाह या हूती जैसे संगठनों के बारे में यह नहीं बताता है कि इनके अनगिनत कमांडरों या प्रमुखों की हत्या के बावजूद इन संगठनों में नेतृत्व का संकट पैदा नहीं होता। क्योंकि ये सारे संगठन विचारधारा के आधार पर बनाये गये हैं और उसी अनुसार चलते हैं। इनकी अनगिनत लाइनों तक जिम्मेदार लोगों को तैयार किया जाता है। इनमें जो किसी चीज का एक्सपर्ट होता है, वो अपने बाद बनने वाले जिम्मेदार को जानकारी दे देता है। यह सारी रणनीति ईरान की बनाई हुई है। अमेरिका ने जब कासिम सुलेमानी को शहीद किया तो उसके बाद उन्हीं की वसीयत के आधार पर अगला आर्मी चीफ बनाया गया। जिन कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने खत्म किया, उन्होंने आईएसआईएस और अलकायदा को ईरान-इराके के आसपास और काफी हद तक सीरिया में खत्म किया। आज तक दुनिया में इस पर बहस जारी है कि आईएसआईएस और अलकायदा को किसने खड़ा किया था।
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