नवाज शरीफ़ को भले ही जेल में चक्की नहीं पीसनी पड़ेगी लेकिन उन्हें जेल में अपनी बैरक में झाड़ू-पोछे से लेकर सारे काम ख़ुद ही करने होंगे। शरीफ़ ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि देश का पीएम रहने के बाद उन्हें इतने ख़राब दिन देखने होंगे।
पाकिस्तान के अख़बार डॉन के मुताबिक़, शरीफ़ को जेल में अपने बैरक की ख़ुद ही देखरेख करनी होगी। शरीफ़ ने बैरक की साफ़-सफ़ाई के लिए एक सहायक दिए जाने की माँग की थी, लेकिन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने उन्हें यह सुविधा देने से इनकार कर दिया है। इसका मतलब साफ़ है कि नवाज़ को कोई सहायक नहीं मिलेगा। पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते शरीफ़ जेल में एक सहयोगी समेत कई सुविधाएँ लेने के हक़दार हैं।
पंजाब के जेल महानिरीक्षक शाहिद सलीम बेग ने बुधवार को कहा कि पंजाब सरकार ने फ़ैसला लिया है कि पूर्व पीएम को सहायक के तौर पर कोई क़ैदी नहीं दिया जा सकता और उन्हें अपने कमरे का ध्यान ख़ुद ही रखना होगा। बेग ने कहा कि शरीफ़ का मामला बेहद संवेदनशील है और उन्हें जेल में उनकी बैरक से भी बाहर जाने नहीं दिया जा सकता। ग़ौरतलब है कि 69 वर्षीय शरीफ अल-अज़ीज़िया स्टील मिल्स मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल सश्रम क़ैद की सजा काट रहे हैं।
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