अपने समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काने और इस तरह संविधान का उल्लंघन करने के आरोप में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को पद से हटाने की माँग विपक्ष ही नहीं, उनकी अपनी रिपब्लिकन पार्टी के लोग भी कर रहे हैं। ऐसे में सबका ध्यान सोमवार पर टिका है, जब डेमोक्रेट सदस्य हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव औपचारिक रूप से पेश करेंगे।
प्रस्ताव तैयार
डेमोक्रेट सदस्य टेड लियू ने ट्वीट कर इसका एलान कर दिया है। कैलिफ़ोर्निया से हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स के लिए चुने गए इस सदस्य ने प्रस्ताव का मौसदा तैयार करने में मदद की है। उन्होंने कहा है कि शनिवार को इस प्रस्ताव पर 180 सदस्यों ने दस्तख़त कर दिए हैं। उनमें रिपब्लिकन पार्टी का कोई सदस्य नहीं है, हालांकि कई रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रंप को पद से हटाने की माँग की है।
इसके पहले हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स की अध्यक्ष नैन्सी पलोसी ने कहा था कि यदि राष्ट्रपति तुरन्त पद से इस्तीफ़ा नहीं देते हैं तो उनके ख़िलाफ़ महाभियोग चलाया जाएगा। पलोसी डेमोक्रेट हैं।
डेमोक्रेटिक कॉकस की बैठक
पलोसी ने डेमोक्रेटिक कॉकस यानी डेमोक्रेटिक पार्टी के निर्वाचित सदस्यों की बैठक में कहा था कि पार्टी के पास दो विकल्प हैं-एक कमेटी का गठन किया जा सकता है, जो संविधान संशोधन 25 का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति को पद से हटा कर उनके तमाम अधिकार उप राष्ट्रपति को सौंपने की सिफ़ारिश करेगी। दूसरा विकल्प यह है कि राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव सदन में पेश किया जाए।
महाभियोग प्रस्ताव सोमवार को रखा जाएगा और यह तैयार कर लिया गया है। सीएनन का कहना है कि महाभियोग प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने लोगों को "विद्रोह के लिए उकसाया है।"
अगले हफ़्ते के बीच में इस पर मतदान हो सकता है।
बाइडन नहीं चाहते महाभियोग?
दूसरी ओर राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डेमोक्रेट नेता जो बाइडन महाभियोग प्रस्ताव को लेकर बहुत उत्सुक नहीं हैं। उनसे जब इस पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "कांग्रेस को इस पर फ़ैसला करना है।"
बंट जाएगा देश?
हाउस इंटेलीजेन्स कमिटी के अध्यक्ष एडम शिफ़ ने कहा है कि डेमोक्रेट सदस्यों को इसका ख्याल रखना चाहिए कि बाइडन को इससे दिक्क़त हो सकती है और वे अपने काम में परेशानी महसूस कर सकते हैं।
जो बाइडन ने जिस तरह पूरे देश को एकजुट करने, घाव भरने और सबको साथ लेकर चलने की बात कही है, उस कारण वे इस नए विवाद में पड़ना नहीं चाहते।
दिलचस्प बात यह है कि पूरे चार साल ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ट्रंप अब सबको साथ लेकर चलने और देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं।
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