जनवरी 2021 में अमेरिका की कैपिटल हिल बिल्डिंग पर हुई हिंसा के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कई आरोप तय किए गए हैं। हिंसा की जांच के लिए बनाई गई एक कमेटी ने कांग्रेस की आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालने, अमेरिका को धोखा देने की साजिश रचने, झूठे बयान देने, उकसाने और विद्रोह करने के आरोप तय किए हैं।
अब न्याय विभाग को यह तय करना है कि ट्रम्प या अन्य पर मुकदमा चलाया जाए या नहीं। इस कमेटी ने सोमवार को अपनी अंतिम बैठक की थी।
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा है कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और यह उन्हें साल 2024 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से रोकने की कोशिश है।
याद दिलाना होगा कि पिछले महीने ट्रंप ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया था और खुद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। साथ ही उन्होंने चुनाव अभियान भी शुरू कर दिया था।
ट्रंप ने कहा है कि उन पर मुकदमा चलाया जा चुका है और महाभियोग भी लेकिन वह जीत गए थे। ट्रंप ने कहा है कि उन पर मुकदमा चलाने का यह पूरा प्रयास महाभियोग की ही तरह है और ऐसा उन्हें और रिपब्लिकन पार्टी को दरकिनार करने की पक्षपातपूर्ण कोशिश है।
क्या हुआ था कैपिटल बिल्डिंग में?
ट्रंप ने 2020 में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद चुनाव नतीजों को मानने से इनकार कर दिया था और अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए उकसाया था। उसके बाद उनके हजारों समर्थक कैपिटल हिल में घुस गए थे और वहां बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और हिंसा की थी।
कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के लिए ट्रंप की आलोचना होती रही है। जो बाइडन को जीत का प्रमाण पत्र मिलने से पहले ट्रंप ने वाशिंगटन में एक रैली में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।' उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए कहा था, 'आप कमज़ोरी से अपना देश फिर हासिल नहीं कर सकते।' ट्रंप ने भीड़ को कैपिटल बिल्डिंग की ओर कूच करने को कहा था।
ट्रंप के भाषण के बाद उनके समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की थी और हिंसा हुई थी। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी।
बता दें कि डोनल्ड ट्रंप अपने ग़ैर-जिम्मेदाराना बयानों और कुछ नीतियों की वजह से विवादों में रहे थे और उनकी ही पार्टी के लोगों ने उनका पुरज़ोर विरोध करना शुरू कर दिया था। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं के एक धड़े का कहना था कि ट्रंप पार्टी की नीतियों और मूल्यों के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं, वे पार्टी को बांट रहे हैं और देश का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद चुनाव में ट्रंप को अच्छा समर्थन मिला था।
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