कोरोना वायरस के फिर से तेज़ी से फैलने की आशंकाओं के बीच ही भारत में रेड ज़ोन को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। तो दुनिया के दूसरे देशों में लॉकडाउन को लेकर क्या रणनीति अपनाई जा रही है?
कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक लॉकडाउन में रहे दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन को हटाया गया है तो कई देशों में मामूली ढील दी गई है। हालाँकि कहीं पर भी कोरोना वायरस ख़त्म नहीं हुआ है, लेकिन कई देश वायरस को फैलने से रोकने और अर्थव्यवस्था को भी धीरे-धीरे पटरी पर लाने के बीच संतुलन लाने की कोशिश में हैं। नीदरलैंड्स और वियतनाम जैसे देशों में बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए तो फ़्रांस, बेल्जियम, स्पेन जैसे देशों में आंशिक रूप से लॉकडाउन को खोला गया और लोगों को बाहर जाने की अनुमति दी गई।
नीदरलैंड्स, वियतनाम, जर्मनी
वियतनाम में पिछले क़रीब एक महीने से सामुदायिक संक्रमण का मामला नहीं आया है। सोमवार को प्राथमिक स्कूलों को खोल दिया गया। हालाँकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, डांस क्लब, बार अभी भी प्रतिबंधित हैं। वियतनाम में अभी तक कुल मिलाकर 288 संक्रमण के मामले आए हैं जिनमें से 249 पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। नीदरलैंड्स में भी सोमवार को स्कूल खोल दिया गया। यहाँ एक दिन पहले 161 नये मामले सामने आए थे।
जर्मनी में भी लॉकडाउन में ढील दी गई है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि एक स्तर से ज़्यादा मामले आने पर फिर से प्रतिबंधों को सख़्त किया जाएगा। जर्मनी में 697 नये पॉजिटिव केस आए थे।
फ़्रांस, स्पेन
फ़्रांस के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन में ढील दी गई। बड़ी संख्या में लोग मेट्रो स्टेशनों पर देखे गए। हालाँकि, सड़कों पर जिस तरह से पहले जाम लगता था वैसी स्थिति नहीं रही। कुछ स्टोर खुले। कुछ सलून भी खुले जहाँ कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोटेक्टिव गियर का भी पैसा ग्राहकों से वसूला गया। फ़्रांस में एक दिन पहले 453 नये पॉजिटिव केस आए थे।
स्पेन में भी कई क्षेत्रों में ढील दी गई और छोटी-छोटी दुकानें खोलने की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही रेस्तराँ को भी खोलने दिया गया। हालाँकि देश के बड़े शहर मैड्रिड और बार्सिलोना पूरी तरह लॉकडाउन में रहे।
बेल्जियम, ग्रीस
बेल्जियम के शहर ब्रसेल्स में सिटी2 शॉपिंग मॉल को खोला गया। रिपोर्टों में कहा गया है कि दुकानदार अपनी दुकानों को खोलने के लिए उत्सुक थे। बेल्जियम में 368 नये पॉजिटिव केस आए। ग्रीस में भी दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई। ग्रीस में 10 नये पॉजिटिव केस आए।
ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों में पाबंदियों को हटाया गया। कई राज्यों ने बाहर लोगों के इकट्ठे होने पर लगी पाबंदी हटाई और कुछ प्रतिष्ठानों को खोलने दिया गया। ऑस्ट्रेलिया में सात नये पॉजिटिव केस आए।
अमेरिका, इंग्लैंड
अमेरिका में कई राज्यों के गवर्नरों द्वारा लॉकडाउन को खोले जाने की माँग के बावजूद इस पर फ़ैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि डोनल्ड ट्रंप काफ़ी पहले ही ईस्टर पर इसको खोलना चाहते थे, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख उन्होंने ऐसा नहीं किया था। दुनिया में सबसे ज़्यादा पॉजिटिव केस अमेरिका में ही क़रीब 14 लाख आए हैं। क़रीब 82 हज़ार लोगों की मौत हो गई है और हर रोज़ क़रीब 18-20 हज़ार नये पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं।
इंग्लैंड में लॉकडाउन में ढील देने पर काफ़ी असमंजस है। इंग्लैंड में सरकारी कर्मचारी ही बड़ी संख्या में संक्रमण की चपेट में आ गए थे। ख़ुद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी इसकी चपेट में आ गए थे। इंग्लैंड में 2 लाख 68 हज़ार लोग संक्रमित हो चुके हैं। एक दिन पहले 3877 नये पॉजिटिव केस आए। दूसरी बार इसके तेज़ी से फैलने की आशंका के चलते बोरिस जॉनसन फूँक-फूँक कर क़दम रख रहे हैं।
भले ही लॉकडाउन में ढील दी गई हो लेकिन सभी देशों में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क पहनने को कहा गया है।
बता दें कि भारत सहित उन तमाम देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बेहद अहम सुझाव दिया है जिन्होंने लॉकडाउन में ढील दी है और जो इसे धीरे-धीरे हटाने की तैयारी में हैं। इसने कहा है कि प्रतिबंधों को हटाने पर अत्यधिक सतर्कता ज़रूरी है क्योंकि वायरस के फैलने का दूसरा फ़ेज आ सकता है। उन कई देशों में वायरस फिर से तेज़ी से फैलने लगा है जहाँ पहले यह काफ़ी धीमा पड़ गया था। जर्मनी ने जब लॉकडाउन में ढील दी तो पॉजिटिव मामले बढ़ने लगे। दक्षिण कोरिया में भी देखने को मिला है कि नाइट क्लब में फिर से कई मामले पॉजिटिव आने लगे हैं।
एक महीना पहले ही चीन के शहर वुहान में लॉकडाउन हटाया गया था और अब क्लस्टर में यानी एक ही जगह से एक साथ कई पॉजिटिव केस आए हैं। इससे इस वायरस के फिर से तेज़ी से फैलने की आशंका जताई जा रही है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने कहा कि प्रतिबंध हटाना 'जटिल और कठिन' है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 'लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाना' ज़िंदगी और आजीविका बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। अधानोम ने कहा कि जर्मनी, दक्षिण कोरिया और चीन में जहाँ फिर से वायरस के फैलने में तेज़ी देखी गई है वहाँ ऐसा सिस्टम तैयार है कि वे तुरंत इसको नियंत्रित कर सकते हैं।
इसीलिए बेहतर यह होगा कि लॉकडाउन हटाने से पहले स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त और तैयार रखा जाए।
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