प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ग़ज़ा में हमास द्वारा रखे गए सैकड़ों बंधकों में से कुछ को रिहा करने के लिए एक संभावित समझौता हो सकता है। उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि आख़िर यह सौदा किस तरह का होगा। यानी नेतन्याहू ने यह साफ़ नहीं किया है कि हमास द्वारा बंधकों को छोड़े जाने के बदले में इज़राइल की तरफ़ से क्या पेशकेश की जाएगी? हालाँकि, पहले से कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलिस्तीनी कैदियों के बदले ग़ज़ा में बंधकों को बदलने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को अमेरिकी मीडिया को यह बताया है कि ग़ज़ा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों को मुक्त कराने के लिए एक समझौता किया जा सकता है। संभावित योजना के विफल होने के डर से उसके बारे में उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया। नेतन्याहू ने एनबीसी के कार्यक्रम 'मीट द प्रेस' में कहा, 'हमने सुना कि एक तरह का एक सौदा होने वाला था और फिर हमें पता चला कि यह सब बकवास था। लेकिन जैसे ही हमने जमीनी कार्रवाई शुरू की, सब कुछ बदलना शुरू हो गया।'
यह पूछे जाने पर कि क्या हमास द्वारा बंधक बनाए गए और बंधकों को मुक्त कराने के लिए कोई संभावित समझौता है, नेतन्याहू ने जवाब दिया: "हो सकता है।"
टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार एनबीसी न्यूज ने अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट की पुष्टि की है कि एक संभावित समझौते पर चर्चा की जा रही है जिसमें ग़ज़ा में बंधक बनाए गए लगभग 80 महिलाओं और बच्चों को इजराइल द्वारा कैद की गई महिला और कम उम्र के आतंकी दोषियों को मुक्त करने के बदले में रिहा किया जाएगा। अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि वह सौदा पक्का नहीं है और वाशिंगटन बंधकों की रिहाई के लिए सभी विकल्पों पर काम कर रहा है।
हमास ने चार नागरिक बंधकों को रिहा कर दिया है, जबकि पकड़े गए एक सैनिक को इज़राइली सुरक्षा बलों ने बचा लिया है।
प्रधानमंत्री ने अपने रुख की पुष्टि की कि हमास पर सैन्य दबाव से बंधकों की रिहाई की संभावना बढ़ रही है। नेतन्याहू ने ज़ोर देकर कहा, 'सैन्य दबाव ही एक ऐसी चीज़ है जो समझौता करा सकती है, और यदि कोई समझौता उपलब्ध है, तो ठीक है, हम इसके बारे में तब बात करेंगे जब यह उपलब्ध होगा। यदि यह संभव हुआ तो हम इसकी घोषणा करेंगे।'
इज़राइल का यह रवैया अमेरिका के विपरीत जान पड़ता है। अमेरिका ने बंदियों की रिहाई को आसान बनाने के तरीक़े के रूप में मानवीय रुकावटों को दूर करने का आह्वान किया है।
फिलिस्तीनी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया, 'कई कैदियों की रिहाई पर प्रारंभिक समझौते तक पहुंचने में देरी और बाधाओं के लिए नेतन्याहू जिम्मेदार हैं।' सूत्र ने कहा, 'उनको उन्हें जीवित ढूंढने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्हें केवल अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित रखने की चिंता है।'
वार्ता के बारे में जानकारी देने वाले एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने रविवार को रॉयटर्स को बताया कि हमास ने शिफा अस्पताल के आसपास सेना की गतिविधियों पर बातचीत निलंबित कर दी है, जहाँ आईडीएफ बंदूकधारियों के साथ भीषण लड़ाई कर रहा है। इज़राइल का कहना है कि हमास का मुख्य कमांड सेंटर शिफ़ा के नीचे सुरंगों में स्थित है।
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