क्या बांग्लादेश की नींव मार्च 1948 में ही पड़ गई थी जब पाकिस्तानी राष्ट्र के निर्माता मुहम्मद अली जिन्ना ने बांग्लाभाषियों के बीच जाकर उनके सामने कह दिया था कि उनकी भाषा उर्दू और सिर्फ उर्दू होगी?
मार्च 1948 में जिन्ना की ढाका यात्रा में ही पड़ गई थी बांग्लादेश की नींव?
- दुनिया
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- 16 Dec, 2021

मुहम्मद अली जिन्ना ने मार्च 1948 में ढाका यात्रा के दौरान बांग्ला और उर्दू भाषा को लेकर जो कुछ कहा था, वहीं से विवाद की शुरुआत हुई। क्या इस कारण ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ?
बांग्लादेश के निर्माण के 50 साल पूरे होने पर ये सवाल बंगालियों को ही नहीं, मातृ भाषा को प्यार करने वाले हर व्यक्ति के मन में कौंधती होगी। इसके साथ ही यह सवाल पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों को भी परेशान कर रहा होगा कि आख़िर क्या हुआ कि मुसलमानों के लिए अलग देश बनने के 24 साल बाद ही मुसलमानों का एक हिस्सा उससे टूट कर अलग हो गया। 'टू नेशन थ्योरी' आखिर इस तरह और इतनी जल्दी क्यों पिट गई?
जिन्ना की ढाका यात्रा
मुहम्मद अली जिन्ना 19 मार्च 1948 को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी ढाका पहुँचे। उन्होंने 21 मार्च को ढाका रेस कोर्स मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने उसमें बहुत ही कड़े शब्दों में उन लोगों को आगाह किया जो उनके शब्दों में 'तोड़फोड़ की कार्रवाई में लिप्त थे और पाकिस्तान को छिन्न-भिन्न करने की साजिश रच रहे थे।'