क्या ईशनिंदा के मामले में भारत पाकिस्तान के रास्ते चल रहा है? क्या यहाँ भी पाकिस्तान की तरह ही ईशनिंदा के लिए अलग क़ानून लागू होगा? क्या भारत में भी उसके तहत धर्म ग्रंथों की बदअदबी के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति को आजीवन कारावास या मौत की सज़ा मिलेगी?