पश्चिम बंगाल बीजेपी में चल रही भगदड़ के तेज़ होने की आशंका के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के टीएमसी और मुकुल रॉय को ट्विटर पर फ़ॉलो करने से तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। बाबुल का बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ भी टकराव चल रहा है। बाबुल को हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। हालांकि बाबुल ने कहा है कि बहुत सारी अफ़वाहें चल रही हैं और इनके आधार पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने टीएमसी का दामन थामा है और आगे भी कई नेताओं के ऐसा करने की बात कही जा रही है। लेकिन बाबुल के टीएमसी और मुकुल रॉय को ट्विटर पर फ़ॉलो करने के कारण बीजेपी नेतृत्व को डर है कि कहीं बाबुल भी ऐसा कोई क़दम न उठा लें।
बाबुल ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि उन्हें राजनीति से नफ़रत होने लगी है। बाबुल को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी टिप्पणी की थी।
नड्डा से मिले दिलीप घोष
इस बीच, दिलीप घोष ने दिल्ली आकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की है और उनसे बंगाल में चल रहे राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की है।
एचटी के मुताबिक़, इस दौरान घोष ने बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष सौमित्र ख़ान के द्वारा हाल में की गई सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर नाराज़गी जाहिर की है। नड्डा से मुलाक़ात के बाद घोष ने पत्रकारों से कहा कि बीजेपी की अनुशासन समिति इस मामले को देखेगी।
सौमित्र का शुभेंदु पर हमला
सौमित्र ख़ान ने भी कुछ दिन पहले बीजेपी के विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला था और कहा था कि वह सिर्फ़ ख़ुद को प्रोजेक्ट करने का काम कर रहे हैं। ख़ान ने पूछा था कि क्या बाक़ी लोगों ने बीजेपी को बढ़ाने में योगदान नहीं दिया है।
पिछले साल दिसंबर में बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु को पार्टी आलाकमान की ओर से ज़्यादा तवज्जो दिए जाने के कारण पार्टी के पुराने नेताओं में नाराज़गी होने की बात कही जा रही है।
बीजेपी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे आला ओहदे पर रहे मुकुल राय के लौटने के बाद अब चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने वाले कई नेता टीएमसी में वापसी चाहते हैं लेकिन ममता बनर्जी ने साफ कह दिया है कि जिसने पार्टी से गद्दारी की है, उसे वापस नहीं लिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त चुनावी घमासान हुआ था और 200 सीट जीतने का दावा करने वाली बीजेपी 80 का आंकड़ा भी नहीं छू सकी थी जबकि ममता बनर्जी की क़यादत में टीएमसी को बड़ी जीत हासिल हुई थी।
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