बाल विवाह संशोधन कानून पर बहस में सभी राजनीतिक दलों की महिला सांसदों को शामिल किए जाने की मांग जोर पकड़ गई है। सरकार संसद के शीतकालीन अधिवेशन में इस बिल में संशोधन कर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने का प्रस्ताव पेश किए गया था। लेकिन सरकार ने फिर इस संशोधन विधेयक को संसदीय समिति के पास भेज दिया था।
लड़कियों की शादी की उम्र क्या होः सुष्मिता देव ने कहा - सभी दलों की महिला सांसदों को तय करने दें
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025
बाल विवाह संशोधन कानून में बदलाव करके केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करना चाहती है। इससे संबंधित विधेयक को स्थायी समिति के पास विचार के लिए भेजा गया है। लेकिन जिस समिति को इस पर विचार करना है, उसमें कुल एक महिला सांसद सुष्मिता देव हैं। अब उन्होंने समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सभी दलों की महिला सांसदों को इस समिति के सामने बुलाने का अनुरोध किया है, ताकि इस मुद्दे पर व्यापक बहस हो।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद सुष्मिता देव सांसद की उस स्थायी समिति की एकमात्र महिला सदस्य हैं, जहां इस विधेयक पर विचार होना है। उन्होंने आज शिक्षा, महिला, बच्चों, युवकों और खेल की स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस समिति के सामने सभी दलों की महिला सांसदों को बातचीत के बुलाया जाए। उन्होंने इस स्थायी समिति के अध्यक्ष को सलाह दी है कि वो नियम 84 (3) का इस्तेमाल करके सभी महिला सांसदों को समिति के सामने बुला सकते हैं।
इसी तरह का पत्र शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी राज्यसभा के चेयरमैन को लिखा है।