बाल विवाह संशोधन कानून पर बहस में सभी राजनीतिक दलों की महिला सांसदों को शामिल किए जाने की मांग जोर पकड़ गई है। सरकार संसद के शीतकालीन अधिवेशन में इस बिल में संशोधन कर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने का प्रस्ताव पेश किए गया था। लेकिन सरकार ने फिर इस संशोधन विधेयक को संसदीय समिति के पास भेज दिया था।