अब यह आधिकारिक तौर पर है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख एन के अरोड़ा ने इसकी पुष्टि की है।
उनका यह बयान तब आया है जब आज ही पूरे देश में कोरोना के 33,750 नए मामले सामने आए हैं। रविवार को कोरोना के मामलों की संख्या 27,553 थी। कोरोना के मामलों में 22 फ़ीसदी का उछाल आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 1,45,582 हो गई है। भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के अब तक 1700 मामले सामने आए हैं। ओमिक्रॉन के मामलों में महाराष्ट्र एक नंबर पर है। यहाँ इस नये वैरिएंट के 510 मामले हैं जबकि दिल्ली में 351 मामले आए हैं।
हालाँकि, नये वैरिएंट के 1700 मामलों की ही पुष्टि हुई है, लेकिन एन के अरोड़ा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में 75 फ़ीसदी संक्रमण के मामले ओमिक्रॉन के हैं।
यह हालत तब है जब भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सबसे पहले 2 दिसंबर को कहा था कि भारत में इस नये वैरिएंट के दो मामले पाए गए। इसके बाद से लगातार संख्या बढ़ती ही जा रही है। यानी एक महीने में ही हालत इतनी ज़्यादा बिगड़ गई। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला सामने आने के बाद से दुनिया भर में यह फैल चुका है।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह या एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ. अरोड़ा ने कहा, 'जो भी वैरिएंट जीनोम अनुक्रमित किए गए हैं... हमें दिसंबर के पहले सप्ताह में पहला वायरस मिला था। पिछले हफ़्तों में राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने गए वैरिएंट में से 12 प्रतिशत ओमिक्रॉन के थे। पिछले सप्ताह यह बढ़कर 28 प्रतिशत हो गया है। इसलिए, यह देश में सभी कोविड संक्रमणों के अनुपात में तेजी से बढ़ रहा है। मुझे कुछ और महत्वपूर्ण भी कहना चाहिए और वह है प्रमुख मेट्रो शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और विशेष रूप से दिल्ली में यह अब 75 प्रतिशत से अधिक है।'
आज ही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में जाँच किए गए सैंपल के 84 फ़ीसदी मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के आए हैं।
उन्होंने कहा है कि 30-31 दिसंबर की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 84 प्रतिशत नमूनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया है। इससे पहले 30 दिसंबर को उन्होंने कहा था कि दो दिन पहले लिए गए 115 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद 46 मामले ओमिक्रॉन के पाए गए थे। यानी क़रीब 40 फ़ीसदी केस नये वैरिएंट के थे।
अपनी राय बतायें