प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी सुप्रीम कोर्ट ने पाया। दो दिन के लिये सज़ा कोर्ट ने टाल दी। पूरे मुद्दे पर उनके क़रीबी सहयोगी योगेन्द्र यादव से बेबाक़ बातचीत। दोषी कौन अदालत या प्रशांत भूषण?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।