दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो रतन लाल को अदालत से ज़मानत । पोस्ट निंदनीय पर भड़काऊ नहीं । क्यों कहा कोर्ट ने ऐसा ? आशुतोष के साथ चर्चा में आशीष ख़ेतान, फ़िरदौस मिर्ज़ा और उर्मिलेश ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।