दिल्ली में ज़हरीली हवा का क़हर, हर साल मरते हैं 15 लाख लोग । फिर क्यों प्रदूषण पर कोई सरकार ध्यान नहीं देती और हर बार इसी वक्त ये चर्चा होती है और फिर भूल जाते हैं ? कौन है ज़िम्मेदार लोगों की ज़हरीली हवा से मौत का ? आशुतोष के साथ चर्चा में विमलेंदू झा, विक्रांत शर्मा और डा कार्तिकेय बत्रा ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।