आखिर सरकार की मंशा क्या है ? क्या वो टीवी की तरह डिजिटल को भी अपने हिसाब से चलाना चाहती है ? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, अंकित लाल, विराग गुप्ता, हरजिंदर, नीरेंद्र नागर।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।