अब क्यों नहीं कहते मोदी जी, अच्छे दिन आयेंगे? क्या इसलीये कि रोज़गार, अर्थव्यवस्था और कृषि की हालत ख़राब है? देखिये क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।