नीतीश के बाद जयंत चौधरी भी पतली गली से निकल लिये । क्यो बीजेपी को चाहिये नये गठबंधन के साथी ? क्या बचेगा इंडिया गठबंधन ? या फिर पीएम को नहीं भरोसा है कि वो अकेले अपने दम पर चुनाव जीत सकते हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में अफ़रोज़ आलम, हरि जोशी, उर्मिलेश, और विजय त्रिवेदी ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।