किसानों के बीच बढ़ता ग़ुस्सा और समर्थन । आंदोलनरियों के खिलाफ मोर्चाबंदी या लोकतंत्र का मजाक ?आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, विनोद अग्निहोत्री, अश्विनी साही, और अनिल शर्मा।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।