आंदोलन पर बैठे एक किसान मे आत्म हत्या कर ली । कई किसानों की आंदोलन के दौरान जान चुकी है । सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है ? आशुतोष के साथ चर्चा में पुष्पेंद्र चौधरी, अविक साहा, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, आलोक जोशी
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।