दिल्ली के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी कूद पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा, क्या उससे यह नहीं पता चलता कि शाहीन बाग़ के नाम पर पिछले 10 दिन से नफ़रत फैलाने का खेल चल रहा है? प्रधानमंत्री अपने इस बयान से बीजेपी को जिताएँगे या हराएँगे? यदि हराएँगे तो उनके निशाने पर कौन है? देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।