राममंदिर का न्योता कांग्रेस की गले की हड्डी बना । क्यों नहीं कांग्रेस करती कोई फ़ैसला ? किस बात का है डर ? क्या वो बीजेपी की जाल में उलझ गई है या फिर उसे मुस्लिम वोटरों की नाराज़गी का ख़तरा है ! आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, जय मृग, प्रिया सहगल, अमिताभ तिवारी, अफ़रीदा रहमान और ब्रिजेश शुक्ला
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।