बांग्लादेश में जनता की बग़ावत । 320 लोगों मौत के बाद जनता ने बग़ावत कर दी और प्रधानमंत्री के आवास पर क़ब्ज़ा कर लिया । प्रधानमंत्री शेख़ हसीना देश छोड़ कर भागी । भारत पंहुची । सेना के हाथ में कमान । अब क्या होगा ? क्या भारत फँस गया है ? हसीना को शरण दे या न ? आशुतोष के साथ चर्चा में मुक़्तदर खान, प्रभाकर मणि तिवारी और धंनंजय त्रिपाठी
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।