जीडीपी के नये आंकडे आ गये हैं । उम्मीद की नयी किरण ? या फिर आँकड़ों की बाज़ीगरी ? अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी ? बेरोज़गारी दूर, मंहगाई कम ? आशुतोष के साथ चर्चा में ए के भट्टाचार्य, प्रो अरुण कुमार और आलोक जोशी ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।