अग्निवीर की चयन प्रक्रिया में जाति का उल्लेख क्यों ? विपक्ष का गंभीर आरोप सरकार सेना को भी जाति के चश्मे से देख रही है ? हक़ीक़त क्या है ? रक्षा मंत्री ने कहा पुरानी प्रक्रिया ही चल रही है ? फिर भी घमासान ? आशुतोष के साथ चर्चा में फ़ैसल अली, अश्विनी शाही, कर्नल दिनेश नैन, अनुपम और प्रो लक्ष्मण यादव ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।