पिछले साल विजयादशमी पर अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, “डीप स्टेट, वोकिज़्म और कल्चरल मार्क्सिस्ट सांस्कृतिक परम्पराओं के शत्रु हैं। इन तीनों समूहों की कार्यप्रणाली है मीडिया और शिक्षा जगत को अपने कब्जे में लेकर शिक्षा, संस्कृति, राजनीतिक और सामजिक वातावरण में अराजकता और भ्रम की स्थिति पैदा करना। सांस्कृतिक मूल्यों और परम्पराओं का समूल ख़त्म करना इनका लक्ष्य है। इसके लिए समाज के संस्कार और आस्था को नष्ट करना इनकी कार्यप्रणाली का प्रथम चरण होता है।” उनका कहना था कि वोकिज़्म एक ऐसी खतरनाक अवधारणा है जिससे भारतीयों को बचना चाहिए।

क्या आपको पता है कि वोकिज़्म दुनिया भर में चर्चा में क्यों है? क्यों मोहन भागवत इस पर हमलावर हैं और क्यों ट्रंप इसके ख़िलाफ़ बोलते रहे हैं?
आरएसएस नेता राम माधव एक आलेख में लिखते हैं कि ग्राम्शी से प्रेरित ये वोकिस्ट भारतीय सामाजिक व्यवस्था और परिवार व्यवस्था के विरोधी हैं। संघ का मानना है कि भारत की संस्कृति ‘हिन्दू संस्कृति‘ है और इसे वोकिज्म के माध्यम से नष्ट करने की कोशिशें की जा रही हैं।