उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनाव में दूसरे दलों के या निर्दलीय सदस्यों पर जोर-आज़माइश का दौर चल रहा है। जो माना वो ठीक और जो न माना उस पर मुकदमों से लेकर जेल भिजवाने तक की कवायद चल रही है। प्रलोभनों से अपने पाले में लाने का सिलसिला जोरों पर है तो न मानने वालों के नामांकन पत्र को खारिज करा देने का तरीका भी जमकर अपनाया जा रहा है।