तमिलनाडु (पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में मौत) और कानपुर (विकास दुबे पुलिस नरसंहार) में हुई घटनाओं के बाद पुलिस के रवैये और सुधार पर नये सिरे से बहस शुरू हुई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह लंबे समय से पुलिस रिफ़ॉर्म की वकालत करते रहे हैं। इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की। अदालत ने 2006 में फ़ैसला भी सुना दिया पर पिछले 14 सालों में सरकारों का नज़रिया टालमटोल वाला ही रहा। लिहाज़ा भारतीय पुलिस आज भी अंग्रेजों के ज़माने के संस्कारों में रची-बसी है जिसका एकमात्र काम है जनता का दमन। मौजूदा हाल पर प्रकाश सिंह से बात की वरिष्ठ पत्रकार संजय कुंदन ने।