चंदौली में हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव के घर पर पुलिस की दबिश के दौरान जबरदस्त बवाल हुआ है। सैयदराजा थाना क्षेत्र के गांव मनराजपुर में पुलिस रविवार को हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव को पकड़ने गई थी। आरोप है कि पुलिस ने कन्हैया यादव के परिजनों के साथ मारपीट की और इस दौरान यादव की बड़ी बेटी निशा यादव की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उनकी बेटी की मौत हुई है। मामले में कार्रवाई करते हुए कुछ पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है जबकि थाने के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और सपा ने निशा यादव की मौत के विरोध में धरना दिया है।
प्रताड़ित करती है पुलिस: कन्हैया यादव
कन्हैया यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी बालू और सीमेंट की छोटी सी दुकान है। कन्हैया ने कहा कि पुलिस उन्हें हमेशा प्रताड़ित करती रहती है और बीते 8 महीने से उनकी दुकान बंद कराई हुई है। कन्हैया यादव ने कहा कि उनके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज थे और पुलिस ने उन पर गुंडा एक्ट लगाकर उन्हें जिला बदर कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में हाई कोर्ट का फैसला आना बाकी है और जिला बदर के दौरान वह बनारस में थे लेकिन इसी दौरान पुलिस उनके घर में घुस गई। उन्होंने कहा कि वह इंसाफ चाहते हैं और उनकी बेटी की जान ली गई है।
पुलिस ने की मारपीट
कन्हैया यादव की छोटी बेटी गुंजा यादव ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस घर में घुस गई और उसने परिजनों के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि एक कमरे में पुलिस ने उनकी पिटाई की जबकि दूसरे कमरे में उनकी दीदी को पीटा गया। गुंजा यादव ने कहा कि उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई कि उन्हें छोड़ दें और पूछा कि उनका क्या कसूर है।
गुंजा ने कहा, "कुछ पुलिसकर्मी एक कमरे से कुर्सी उठा कर दूसरे कमरे में ले गए और जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि उन्होंने मेरी दीदी को मार कर साड़ी से बांधकर लटका दिया था ताकि यह साबित किया जा सके कि दीदी ने आत्महत्या की है।"
हत्यारी बनी पुलिस: सपा
निशा यादव की मौत के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने घटनास्थल पर ही धरना दिया और कहा कि पार्टी इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि कन्हैया यादव की बेटी की निर्मम हत्या हुई है और इसके आरोपी सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि यूपी में पुलिस हत्यारी बन चुकी है और निर्दोष नागरिकों की बीजेपी सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या हो रही है।
चंदौली पुलिस के एसपी का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है और पहली नजर में ऐसा लगता है कि लड़की की मौत घर की किसी वजह से हुई है या उसने आत्महत्या की है। लेकिन फिर भी पुलिस पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
पुलिस पर सवाल
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में पुलिस एनकाउंटर्स को लेकर चर्चा में थी तो दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पुलिस बुलडोजर चलाने, रासुका लगाने को लेकर चर्चा में है। पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करे लेकिन दबिश के दौरान इस तरह की मौत होने से उस पर सैकड़ों सवाल उठेंगे।
अपनी राय बतायें