loader

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन बिल्डिंग का लेंटर गिरा, कई मजदूर दबे

उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन पर एक निर्माणाधीन इमारत शुक्रवार को ढह गई, जिसके मलबे में दर्जनों मजदूर दब गए। यह घटना तब हुई जब स्टेशन पर सुंदरीकरण योजना के तहत दो मंजिला इमारत पर काम चल रहा था। हादसे के वक्त मौके पर करीब 35 कर्मचारी मौजूद थे। रेलवे, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में बचाव अभियान ने अब तक 23 श्रमिकों को मलबे से बचाने का दावा किया है।
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने पीटीआई को बताया कि "शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब निर्माणाधीन छत की शटरिंग गिर गई।" उन्होंने कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए श्रमिकों को बचाना है। हम बचाव प्रयासों के लिए अपने पास मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।"
ताजा ख़बरें
राज्य सरकार ने गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और मामूली चोटों वाले लोगों को 5,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। पूर्वोत्तर रेलवे ने कहा कि राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बचाव कार्य में सहायता के लिए लखनऊ से राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) को बुलाया गया है।
जांच का आदेशः पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ने कहा कि उसने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। बयान में एनईआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के हवाले से कहा गया है, "जांच टीम में मुख्य अभियंता, योजना और डिजाइन; अतिरिक्त मंडल रेलवे प्रबंधक, इज्जतनगर और रेलवे सुरक्षा बल के मुख्य सुरक्षा आयुक्त शामिल होंगे।"

अमृत ​​भारत योजना के तहत स्टेशन का नवीनीकरण किया जा रहा था। घटना के बाद दहशत फैल गई और स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन भारी मलबे के कारण मदद नहीं कर सके। 

उत्तर प्रदेश से और खबरें
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण भी मौके पर पहुंचे। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "हादसे में अब तक 23 लोग घायल हुए हैं। उनमें से 20 को मामूली चोटें आईं, जबकि तीन को गंभीर चोटें आईं। बचाव अभियान जारी है और इसमें कुछ घंटे और लगेंगे।" अरुण ने कहा, अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) के तहत कन्नौज रेलवे स्टेशन के नए टर्मिनल का निर्माण कार्य चल रहा था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें