ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में वाराणसी की निचली अदालत में मंगलवार को रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी। इस बारे में अदालत की ओर से नियुक्त किए गए कमिश्नर ने 2 दिन का वक्त मांगा था जिस पर अदालत ने यह वक्त दे दिया। 2 दिन के बाद जब अदालत के सामने रिपोर्ट आएगी तो उसे देखने के बाद ही अदालत कोई फैसला इस मामले में दे सकेगी। कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट लगभग तैयार है लेकिन उसे अंतिम रूप देने में दो दिन का वक्त और लगेगा।
उधर, मंगलवार को इस मामले में दो और याचिका निचली अदालत में दायर की गई हैं। एक याचिका सरकारी पक्ष की ओर से जबकि दूसरी याचिका हिंदू पक्ष की ओर से दायर की गई है।
अजय मिश्रा को हटाया
उधर, अदालत ने मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है जबकि बाकी दोनों कोर्ट कमिश्नर को बरकरार रखा गया है। मुसलिम पक्ष लगातार अजय मिश्रा को हटाने की मांग कर रहा था। पहले अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया था लेकिन अब अदालत ने इस मामले में खुद ही कार्रवाई की है।
अदालत ने कहा है कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी बेहद अहम होती है और उन्हें बेहद पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।
उधर, हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया है।
वाराणसी की निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे होगा और 17 मई तक सर्वे टीम को अदालत को इसकी रिपोर्ट देनी होगी।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद एक स्थानीय अदालत ने शिवलिंग को संरक्षित करने और उस जगह को सील करने के निर्देश पुलिस और प्रशासन को दिए हैं। वहां पर वजू करने से भी रोक लगा दी गई है।
सर्वे पूरा होने के बाद भी ज्ञानवापी मस्जिद और इससे सटे काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई है। प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया है।
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