मेटा पर द वायर की रिपोर्ट को भले ही वापस ले लिया गया है, लेकिन इस मामले में जो कार्रवाई हो रही है उस पर विवाद हो गया है। सवाल है कि जब मीडिया संस्थान ने आरोप को मान लिया तो ऐसी अचानक कार्रवाई क्यों?
ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल 'द वायर' की एक रिपोर्ट को लेकर आख़िर इसके संपादकों के घर पर छापे क्यों मारे गए? क्या उन्होंने धोखाधड़ी की थी? जानिए बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने क्या आरोप लगाया।
जिस पेगासस स्पाइवेयर से भारतीयों के जासूसी कराए जाने के आरोप लग रहे हैं उस पेगासस की रिपोर्टें उजागर कर रहे 'द वायर' के कार्यालय में आज पुलिस पहुँच गई। 'द वायर' के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने यह आरोप लगाया है।
मीडिया की आज़ादी पर हमले का मामला फिर उठा है। पूर्व जजों, पूर्व सेना के अफ़सरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित क़रीब 3500 हस्तियों ने बयान जारी कहा है कि कोरोना महामारी की आड़ में मीडिया की आज़ादी को नहीं कुचलें।