लोकनीति सीएसडीएस सर्वे से तमाम तरह के नतीजे सामने आए। लेकिन जो सबसे खास बात थी वो ये कि भारत के लोगों का विश्वास धर्मनिरपेक्षता में अभी भी बचा हुआ है। हमारे संविधान की मूल भावना भी यही है। जाने-माने स्तंभकार अपूर्वानंद ने भी इस सर्वे के संदर्भ में कुछ बातें लिखी हैं। जरूर पढ़िएः
वृहत हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों का क्या संदेश है? क्या सेक्युलर दलों से उठ रहा मुसलमानों का भरोसा, किस बात का इशारा है ओवैसी की बढ़ती स्वीकार्यता?
सेक्युलर राजनीति ने दलित राजनीति करने वाले नेताओं का बुरा हाल कर दिया है। इस कदर कि उनकी पहचान ही ख़त्म होती जा रही है और दलित नेताओं को जनप्रतिनिधि के तौर पर उनके दलित समाज से ही मान्यता मिलती कम होती जा रही है।