2021 साहिर लुधियानवी का जन्म शताब्दी वर्ष है। आज अगर वह हमारे बीच होते तो सौ साल के हो गए होते। साहिर लुधियानवी का ये शेर एक तरह से उनकी समूची रचनात्मकता, उनकी शायरी, उनके तमाम फ़िल्मी नग्मों का निचोड़ है और बुनियाद भी।
बेमिसाल शायर, गीतकार साहिर लुधियानवी ने 25 अक्टूबर, 1980 को अपनी जिंदगी की आखिरी सांस ली। उन्होंने अपनी नज्मों और गीतों में मुल्क और अवाम के लिए, जो समाजवादी ख्वाब बुना था, वह अब भी पूरा नहीं हुआ है।