विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की स्थिति इतनी ख़राब क्यों है? दो पायदान ऊपर चढ़ने के बावजूद भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को संकट में क्यों बताया गया है?
भारत में प्रेस की आजादी का जो हाल है, वो सामने है। लेकिन विश्व प्रेस आजादी दिवस के मौके पर हमें उन पत्रकारों को नहीं भूलना चाहिए, जो प्रेस की आजादी बरकरार रखने के लिए कुर्बानी देते आए हैं। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग म्यांमार की घटना का जिक्र कर रहे हैं।
देश में मीडिया की आज़ादी क्या सिकुड़ती जा रही है? आख़िर क्या वजह है कि मीडिया के काम करने की आज़ादी के मामले में भारत लगातार सूचकांक में फिसलता जा रहा है?
'रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स' ने 37 ऐसे शासनाध्यक्षों व राष्ट्राध्यक्षों की सूची बनाई है, जिनके बारे में उसका मानना है कि वे 'मीडिया की आज़ादी पर हमलावर' ('प्रीडेटर ऑफ़ प्रेस फ्रीडम') हैं। इस सूची में नरेंद्र मोदी भी हैं।