गोरे पुलिस वाले द्वारा काले जॉर्ज फ्लॉयड की बर्बर हत्या के बाद से अमेरिका में प्रदर्शन जारी हैं, और अब ये तो दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी फैल गए हैं। भारत में भी इस घटना को लेकर बेचैनी देखी जा रही है। लेकिन ऐसा ही रंगभेद और नस्लवाद भारत में भी है पर हम अमरीकियों की तरह उसके ख़िलाफ़ सड़कों पर क्यों नहीं उतरते? क्या हमारी ये बेचैनी ढोंग नहीं है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।